पटनाः गौरीचक पुलिस ने शराब बिक्री करने के मामले में धर्मेन्द्र मांझी को गिरफ्तार किया था उसकी पुलिस हिरासत में मौत होने से मामले ने तूल पकड़ लिया है। तूल इतना पकड़ लिया कि मृतक के परिजन और ग्रामीणों ने मिलकर सड़क पर प्रदर्शन कर रास्ते को जाम कर दिया। घटना के बारे में बताया जाता है कि कानूनी तौर पर शराब बिक्री के मामले में गिरफ्तारी के 24 घंटे की अवधि में आरोपी को कोर्ट के सामने पेश करना था, लेकिन पुलिस की लापरवाही के कारण उसे समय पर कोर्ट में पेश नहीं कर सके, जिसके कारण उसके मामले की सुनवाई नहीं हुई और उसे दोबारा थाने के हाजत में भेज दिया गया। फिर क्या लॉकअप में ही हालत खराब होने लगी, उसके बाद उसे गौरीचक पीएचसी लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। धमेंद्र मांझी की मौत को लेकर पुलिस की तरफ से बयान दिया गया कि लॉकअप में उसकी तबीयत खराब हो गई थी, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। जबकि मृतक के बहन रेखा देवी ने कहा कि धर्मेंद्र की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है,जहां पुलिस अपना बचाव में बीमारी का बहाना बना रही है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि थाने में पुलिसकर्मियों की बेरहमी से पिटाई की गई, जिसके कारण उसकी मौत हो गई है। इस घटना को लेकर इलाके में पुलिस के खिलाफ लोगों का गुस्सा भड़क गया और लोग पटना-मसौढ़ी मार्ग को जामकर आगजनी कर रहे मामले की जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है।
