पटनाः रुपेश हत्याकांड को जहां सुलझा लिए जाने और अपराधी को पकड़े जाने और उसके एकबालिया बयान के कबूल किए जाने का दावा कर रही थी। उस पर सूबे में राजनीतिक सियासत उबाल पर आ गई और कोई भी इसे मानने को तैयार नहीं है। साथ ही विभिन्न दलों के दर्जनभर नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकातक कर सीबीआई से जांच करने की मांग की वहीं मृतक के परिजन भी इसी बात पर अड़ गए हैं। इस तरह उठ रहे सवाल और सरकारी नौकरी और ठेके में बिहार पुलिस के चरित्र प्रमाण पत्र को लेकर मचे सियासी बवाल के बीच राज्य सरकार की तरफ से गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और डीजीपी एसके सिंघल ने संयुक्त प्रेस वार्ता की।

पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए डीजीपी ने कहा कि इस मामले में ज्यादा कुछ कहना नहीं है। पटना एसएसपी विस्तार से इस पर अपनी बात रख चुके हैं। जब हत्या किसी पेशेवर अपराधी से कराएं जाने की बात पूछा गया तो डीजीपी ने कहा कि उस वक्त जांच चल ही रही थी।
डीजीपी ने आगे कहा कि केवल सड़क जाम,धरना प्रदर्शन के कारण किसी को सरकारी नौकरी और ठेका नहीं मिलेगी। उन्होने कहा कि पत्र को फिर से पढ़ने की जरूरत है साथ ही दोहराते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी विधि-व्यवस्था की स्थिति, विरोध प्रदर्शन, सड़क जाम जैसे मामलों में शामिल होकर किसी आपराधिक कृत्य में शामिल होता है और उसे इस कार्य के लिए पुलिस द्वारा आरोपपत्रित (चार्जशीट) किया जाता है तो इस संबंध में चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन (पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट) में साफ रूप से लिया जायेगा। ऐसे व्यक्तियों को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रखना होगा और उसे सरकारी नौकरी, सरकारी ठेका आदि नहीं मिल पायेंगे।

वहीं अपर मुख्य सचिव सुबहानी ने कहा है कि लोकतंत्र में व्यक्तिगत स्वतंत्रता की आजादी होती है और इसके तहत शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई है। सरकार की मंशा कहीं से भी ऐसी नहीं है कि लोकतंत्र में मिले अधिकारों का हनन किया जाए। अधिकारियों की प्रेस वार्ता के दौरान एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने कहा कि साल 2006 और 2020 में प्रपत्र के अंदर कैरेक्टर सर्टिफाई करने के लिए जिन बातों का उल्लेख किया गया है उसी से जुड़ा यह तीसरा पत्र जारी किया गया इसे लेकर लोगों के बीच भ्रम पैदा हुआ। जबकि पटना एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने शुक्रवार को छपरा जाकर रूपेश सिंह की पत्नी और परिजनों से मुलाकात की साथ ही रूपेश सिंह की पत्नी की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। हलांकि रूपेश सिंह की हत्या के खुलासे पर परिजनों को भरोसा नहीं हो रहा है।