* महज सात साल की उम्र में क्रिकेट की ओर मुखातिब हुए इशान
* बड़े भाई ने छोटे के लिए असमय ही अपने कॅरियर को विराम दे दिया
* 2004 में मोइनुल हक स्टेडियम के बाहरी परिसर में बीसीए एकेडमी किया ज्वाइन
* बंगाल के उत्तम मजुमदार ने उसे क्रिकेट के गुर सिखाए
बिहार में क्रिकेट का हाल-बेहाल जरूर है, इसके बावजूद दर्जनों क्रिकेटरों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने राज्य का गौरव बढ़ाया है। अब इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टी-20 में भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन में मुंबई इंडियंस के दो स्टार खिलाड़ियों को जगह मिली। टीम इंडिया ने सूर्यकुमार यादव और इशान किशन को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया। बेहतर प्रदर्शन का नतीजा है कि इन दोनों खिलाड़ियों को उनका इनाम मिल गया। दूसरे टी-20 में भारत ने प्लेइंग इलेवन में दो बदलाव किये. सूर्यकुमार यादव ने अक्षर पटेल की जगह ली वहीं इशान किशन को शिखर धवन की जगह टीम में शामिल किया गया। भारत ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग चुनी।
बिहार के नवादा के हैं इशानः
बिहार के पटना में 18 जुलाई 1998 को ईशान का हुआ था। इनके पिता प्रणव पांडे बिहार के नवादा के रहने वाले हैं और पेशे से बिल्डर हैं। ईशान के भाई राज ने, उसे क्रिकेट को अपने कैरियर के रूप में आगे बढ़ाने में उसका समर्थन किया। इनके कोच संतोष कुमार के अनुसार, उसकी प्रतिभा मौजूदा भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर और बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट जैसे खिलाड़ियों को अपना आदर्श मानते हैं।
इशान ने पीछे मुड़कर नहीं देखाः
भारतीय प्रथम श्रेणी के क्रिकेटर जो झारखंड के लिए खेलतें है। 22 दिसंबर 2015 को उन्हें 2016 अंडर 19 क्रिकेट विश्व कप के लिए भारत की टीम के कप्तान के रूप में गुजरात लॉयन्स के लिए शुरुआत की थी और 2017 तक इसी टीम के लिए खेले थे ईशान एक बाएं हाथ के बल्लेबाज और विकेटकीपर है। किशन 2018 से इंडियन प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियंस की टीम का हिस्सा हैं। इन्हें मुंबई इंडियंस ने खरीदा और अच्छा प्रदर्शन करते हुए कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ एक मैच में इन्होंने महज 17 गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया। आईपीएल 2020 में इशान किशन और सूर्यकुमार यादव ने शानदार बल्लेबाजी कर मुंबई इंडियंस को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका अदा की थी। इशान किशन ने आईपीएल के 13वें सीजन में मुंबई इंडियंस के लिए सबसे ज्यादा 516 रन बनाए थे। उनका औसत 57 से भी ज्यादा का रहा था। सूर्यकुमार यादव ने भी 41 की औसत से 480 रन ठोके थे।